शुरुआती समय में निजी नलकूप योजना के माध्यम से वर्तमान व्यवस्था में नलकूप की बोरिंग के लिए ₹100 प्रति फीट की दर से अधिकतम 30 से 35 हजार रुपए अनुदान कराया जाते थे परंतु बिहार सरकार ने अनुमान किया तो पता चला की लागत 10000 के करीब आती है इससे अनुदान की राशि किसानों को आकर्षित नहीं कर पाएंगे इस कारण निजी नलकूप योजना की अनुदान राशि को बढ़ाकर सरकार की ओर से 35000 का फैसला करने का निर्माण प्रावधान किया है इसके लिए बिहार जल संसाधन विभाग में तैयार किया है इसी प्रकार मध्य गहराई के नलकूप की बोरी के लिए 182 रुपए प्रति फिट और अधिकतम 35000 रुपए अनुदान देने का प्रावधान अभी वर्तमान समय तक जारी है विभाग ने इसे 70000 करेगा इसके अलावा मोटर पंप के लिए आधा पैसा सरकार देती है लेकिन उसके लिए पहले सत्य अधिकतम राशि दर्ज की होगी
उद्देश्य
बिहार राज्य क्षेत्रफल की दृष्टि से काफी बड़ा क्षेत्र बिहार क्षेत्रफल की नजर से काफी बड़ा राज्य है यहां पर एक समय पर दो प्रकार की स्थिति बनी रहती है यानी कि बिहार एक ऐसा क्षेत्र है जहां बाढ़ से डूबा रहता है तुम्हें दूसरी ओर सुख से पूरी तरह ग्रसित भी रहता है अगर कोई किसान खेती करना चाहता है तो उसे दोनों प्रकार की मुसीबत का सामना करना पड़ता हैजिन क्षेत्रों में बिल्कुल भी पानी की व्यवस्था नहीं होती है या कम मात्रा में वर्षा होती है वैसे आसान को स्थान का जलस्तर नीचे चला जाता है जिसके कारण वहां के किस मनचाहा खेती नहीं कर पाते हैं और सिंचाई की व्यवस्था की जरूरत पड़ती है किसानों के लिए सरकार की ओर से बोरिंग और समरसेबल पंप का अनुदान किया जाएगा ताकि वहअपनी कृषि कार्य विधवा तरीके से संचालित कर सके
लाभ
इस बिहार निजी जलकूप योजना के अंतर्गत प्राप्त होने वाले लाभों की सूची को किस प्रकार है इसके तहत लाभार्थी कोअपनी निजी जमीन के लिए नलकूप लगाने की लिए सरकार की ओर से सब्सिडी प्रदान कराई जाएगी यह योजना बिहार के सभी प्रखंडों के लाभार्थियों के लिए किया गया हैइसके अंतर्गत राज्य सरकार के द्वारा 70 मीटर तक की गहराई के लिए नलकूप के लिए 328 रुपए प्रति मीटर की दर से अधिकतम 35000 अनुदान दिया जाएगा100 मीटर तक की गहराई के लिए 597 रुपए प्रति मीटर की दर से ₹7000 का प्रावधान दिया जाएगाइसके माध्यम से किसान अपनी जमीन पर नलकूप और गौरव लगाकरकृषि कार्य को आसानी से कर सकेगाकई जगहों पर मध्य ग्रह पर पानी नहीं मिल पाता है तो बोरी अधिक गधा ही करवाना पड़ता है ऐसी स्थिति में 183प्रति फीट की दर से किसानों को 35000 की सब्सिडी बिहार सरकार की ओर से लोहिया कराया जाएगाइस योजना के अंतर्गत बोरिंग लगाने पर सरकार द्वारा सब्सिडी मिलेगी जिससे आप कम जमीन होने के बावजूद भी बोरिंग लग सकते हैं और अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं
योग्यता
इस लाभकारी योजना के तहत मिलने वाली लबों की सूची के लिए लाभार्थी को कुछ विशेष प्रकार की योग्यता को पूरा करना होता है जिससे सरकार की ओर से निर्धारित किया गया इनके सूची इस प्रकार है इस योजना का लाभ केवल बिहार राज्य का आसानी वीडियो को प्रधान कराया जाएगा इसके अंतर्गत किस के पास उनके नाम से कम से कम 40 डिसमिल जमीन अवश्य होना चाहिएइस योजना के लिए अनुसूचित जाति के लिए न्यूनतम 16% आवेदन को तथा अनुसूचित जनजाति के लिए एक प्रतिशत आवेदन का चयन प्रत्येक जिले से किया जाना है यदि आवेदन अनुसूचित जनजाति उपलब्ध नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में अनुसूचित जाति को 16% प्लस 1% यानी एक 17% तक आवेदन स्वीकार करने की वजह से होगीयोजना के अंतर्गत लागू और सीमांत किसानों को प्राथमिकता प्रदान कराई जाएगी
इस एनकेता से एक किसी आएं कर सकता है साथी उन्हें एक ही बोरिंग सेट अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा
दस्तावेज
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान भाई को आएं करना होता है जिसके लिए उनके पास कुछ विशेष प्रकार की दस्तावेजों का होना अनिवार्य होता है उनके सूची इस प्रकार है
आधार कार्ड
मोबाइल नंबर
जमीन का रसीद
निवास प्रमाण पत्र
बैंक अकाउंट का विवरण
स्वघोषणा पत्र
पासपोर्ट साइज फोटो आदि
आवेदन प्रक्रिया
सबसे पहले आपको बोरिंग कर लेने के बाद किस को अनुदान हेतु दवा करना होता है दावा करने के लिए किस को बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के अधिकारी वेबसाइट पर चले जाना होता है उसके बाद दवा अपलोड करें पर क्लिक कर देना होता है फिर आवेदन पत्र की पंजीकरण संख्या बोरी में पंप सेट खरीद से संबंधित दस्तावेज को अपलोड करना होता है उसके बाद कार्यपालिका अनुपात द्वारा दावे की जांच 15 दिनों के अंदर कराई जाती है जांच पूरी हो जाने के बाद एक हफ्ते के भीतर डीबीटी माध्यम के द्वारा किस के खाते में बैंकपैसा प्रदान कराए जाते हैं अंतिम शब्द साथियों अगर आप भी इस लेख से कुछ देखे होंगे तो इस अपने एक दोस्त के पास शेयर करें ताकि उसे भी इसे लेना कल प्राप्त हो सके